मेरठ। पावन नगरी हस्तिनापुर में आज भारतीय संस्कृति और भाषा की आत्मा संस्कृत के स्वर गूंज उठे। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित “अखिलभारतीय व्यास समारोह – 2025” के अंतर्गत संस्कृत कविसमवाय (अंतर्राष्ट्रीय संस्कृत कवि सम्मेलन) का भव्य आयोजन 28 अक्टूबर 2025 को किया गया। यह कार्यक्रम स्वामी कल्याण देव डिग्री कॉलेज, हरितानापुरम् के सहयोग से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पदमश्री प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र (शिमला) ने उपस्थिति दर्ज की। विशेष अतिथि के रूप में त्रिपाठी सुधाकराचार्य (मेरठ) सहित देशभर से आए विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कविसम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिष्ठित संस्कृत कवियों धर्मदत्त चतुर्वेदी (वाराणसी), आचार्या कमला पाण्डेया (वाराणसी), सिंहासन पाण्डेय (देवरिया), आभिषेक पाण्डेय (गोरखपुर), प्राङ्गेश कुमार मिश्र, संतोष गुप्ता (मेरठ) और तुलसीदास परौहा (उज्जैन) ने अपनी रचनाओं से कार्यक्रम को भक्तिभाव और रस की गहराइयों से सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन डा. हर्षित मिश्र (दिल्ली) और राजकुमार मिश्र (पलवल) ने किया। कार्यक्रम के सूत्रधार आचार्य वाचस्पति मिश्र एवं सहसंयोजक प्राचार्य महेश कुमार सिंह रहे।
अपने उद्बोधन में कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा, “संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की आत्मा है। ऐसे आयोजन हमारी परंपरा की जीवंतता को बनाए रखते हैं।” उन्होंने कहा कि यह कविसमवाय केवल साहित्यिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय मन की चेतना का उत्सव है।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी मेरठ के जिला मंत्री एवं शिक्षाविद् सुनील पोसवाल ने अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कहा कि “संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक दर्शन का मूल है। हस्तिनापुर वैदिक काल से ही संस्कृत व संस्कृति का केंद्र रहा है, जहां के गुरुकुलों की शिक्षण पद्धति विश्वविख्यात रही है।”
कार्यक्रम में सैकड़ों छात्र-छात्राओं सहित क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। आयोजन का समापन ‘कल्याण मंत्र’ के उद्घोष के साथ हुआ, जिसने वातावरण को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा से भर दिया।
🕉️ संस्कृत कविसमवाय – भारतीय संस्कृति की चेतना का जीवंत उत्सव!

