बहसूमा। हस्तिनापुर ब्लॉक के गांव मोहम्मदपुर सकिश्त में मनरेगा कार्यों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े के आरोप सामने आ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में धरातल पर कोई भी मनरेगा कार्य नहीं कराया गया, लेकिन कागज़ों में फर्जी तरीके से हाजिरी लगाई जा रही है। इससे विकास कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ग्रामीण प्रमोद कुमार और विनोद कुमार के अनुसार गांव में वास्तविक कार्य शून्य है, जबकि रिकॉर्ड में काम पूरा दिखा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका और गहरी हो गई है।
गांव की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह ठप बताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि गलियों में कूड़े के ढेर लगे हैं और नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई। लगातार शिकायतों के बाद भी न तो सफाईकर्मियों की तैनाती की गई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई हुई, जिसके कारण लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि वे मनरेगा कार्यों की जांच और सफाई व्यवस्था सुधारने की मांग कई बार संबंधित अधिकारियों से कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इससे लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही मनरेगा की सत्यापन जांच नहीं हुई और सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
वहीं इस मामले में हस्तिनापुर वीडियो अमरीश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी की जा रही है और शिकायतों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों को भरोसा है कि जांच शुरू होने पर पूरे मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी।
