उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री एवं हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक ने ‘हस्तिनापुर श्रापित भूमि’ बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका बयान महाभारत काल की घटना के संदर्भ में था, लेकिन मीडिया ने उसे गलत तरीके से पेश किया। मंत्री ने कहा—हस्तिनापुर मेरी कर्मभूमि है और मैं यहां की जनता की निस्वार्थ सेवा करता रहूंगा।
हस्तिनापुर। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री (जल शक्ति विभाग) एवं हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिनेश खटीक के ‘हस्तिनापुर श्रापित भूमि’ बयान को लेकर उठा विवाद लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस बीच मंत्री दिनेश खटीक ने स्वयं आगे आकर पूरे मामले पर विस्तृत स्पष्टीकरण दिया है और साफ कहा है कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है तथा मीडिया के कुछ हिस्सों ने इसे संदर्भ से हटाकर पेश किया है, जबकि उनकी भावनाएं और मंशा पूरी तरह से हस्तिनापुर और यहां की जनता के सम्मान से जुड़ी है।
स्कूल कार्यक्रम से जुड़ा है पूरा मामला
दिनेश खटीक ने बताया कि वह मेरठ के ग्राम पांची स्थित एमएस हेरिटेज स्कूल में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान बच्चों ने महाभारत काल के उस ऐतिहासिक और भावुक कर देने वाले प्रसंग का मंचन किया, जिसमें हस्तिनापुर के राजदरबार में द्रोपदी का चीरहरण किया गया था। बच्चों द्वारा प्रस्तुत यह मंचन भावुकता, संवेदना और सामाजिक संदेश से भरपूर था, जिसने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को भीतर तक झकझोर दिया।
द्रोपदी चीरहरण—महिलाओं के अपमान की सबसे बड़ी त्रासदी
मंत्री ने कहा कि द्रोपदी का चीरहरण भारतीय इतिहास और महाभारत काल की सबसे वीभत्स और निंदनीय घटना मानी जाती है। कहा जाता है कि जब द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था, तो वहां मौजूद बड़े-बड़े योद्धा, राजपुरुष और धर्मगुरु मौन बैठे रहे। इसी मौन स्वीकृति को पाप माना गया और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार द्रोपदी ने उस सभा और हस्तिनापुर की धरती को श्राप दिया। इसी आधार पर ‘श्रापित भूमि’ शब्द का उल्लेख प्राचीन कथाओं और मान्यताओं में मिलता है।
दिनेश खटीक ने स्पष्ट किया कि उन्होंने उसी ऐतिहासिक संदर्भ का जिक्र किया था, न कि किसी प्रकार से हस्तिनापुर की पवित्रता, आस्था या गौरव को कम करने की बात कही थी। लेकिन मीडिया के कुछ हिस्सों ने उनके बयान का वह अंश अलग तरीके से प्रसारित कर दिया, जिससे भ्रम और विवाद की स्थिति पैदा हो गई।
“हस्तिनापुर मेरी कर्मभूमि, मेरा गर्व और मेरी जिम्मेदारी” — दिनेश खटीक
मंत्री दिनेश खटीक ने भावुक होते हुए कहा,
“हस्तिनापुर की पावन धरती मेरे लिए सदैव पूजनीय रही है। यह मेरी कर्मभूमि है। यहां की जनता मेरे परिवार की तरह है और उनका सम्मान, सुरक्षा और विकास ही मेरा पहला दायित्व है।”
उन्होंने कहा कि वह हस्तिनापुर के नागरिकों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और वर्षों से यहां की जनता की सेवा कर रहे हैं। ऐसे में यह सोचना भी गलत है कि वह कभी इस धरती या यहां के लोगों का अपमान कर सकते हैं। उनका केवल उद्देश्य यह बताना था कि इतिहास हमें महिलाओं के सम्मान और अन्याय के विरोध का बड़ा सबक देता है।
मोदी–योगी नेतृत्व में बदल रहा है हस्तिनापुर का विकास अध्याय
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त नेतृत्व में हस्तिनापुर का राजनीतिक और विकासात्मक इतिहास नई दिशा ले रहा है। जनता ने प्रदेश में दूसरी बार प्रचंड बहुमत की सरकार बनाकर जो ऐतिहासिक जनादेश दिया, उसका परिणाम है कि आज हस्तिनापुर तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
हस्तिनापुर में सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण जैसे कई विकास कार्य चल रहे हैं। महाभारतकालीन विरासत को सुरक्षित रखते हुए हस्तिनापुर को धार्मिक पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
लोगों से की शांति और स्पष्टता रखने की अपील
दिनेश खटीक ने हस्तिनापुर की जनता से अपील की कि वे किसी भी भ्रामक खबर पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि उनका संकल्प पहले भी सेवा का था, आज भी सेवा का है और आगे भी सेवा का ही रहेगा। उनकी निष्ठा, भावनाएं और प्रतिबद्धता सदैव हस्तिनापुर और यहां के लोगों के साथ जुड़ी रहेंगी।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री दिनेश खटीक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में मंत्री जी साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “अब तीसरी बार हस्तिनापुर से चुनाव ही नहीं लड़ना।”
वीडियो के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और इस बयान ने नए सियासी संकेत भी दे दिए हैं।
वायरल वीडियो में क्या बोले मंत्री?
सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप में दिनेश खटीक कार्यक्रम के दौरान मंच से यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि
👉 “हस्तिनापुर श्रापित भूमि रही है…
👉 यहां के राजनीतिक हालात हमेशा चुनौतीपूर्ण रहे…
👉 और अब मैंने तय किया है कि तीसरी बार हस्तिनापुर से चुनाव नहीं लड़ूंगा…”
जैसे ही यह वीडियो सामने आया, लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। समर्थक इसे भावनात्मक वक्तव्य बता रहे हैं, जबकि विरोधी इसे मैदान छोड़ने का संकेत मान रहे हैं।
बयान के पीछे क्या पृष्ठभूमि?
दरअसल हाल ही में मेरठ के ग्राम पांची स्थित एमएस हेरिटेज स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री दिनेश खटीक ने महाभारत काल में हस्तिनापुर में हुए द्रोपदी चीरहरण प्रसंग का जिक्र करते हुए हस्तिनापुर को ‘श्रापित भूमि’ कहने की बात कही थी। इस पर विवाद खड़ा हुआ और उनका यह बयान भी इसी क्रम में चर्चाओं में आ गया, जिसमें वे कहते दिख रहे हैं कि अब तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ेंगे।
राजनीतिक गलियारों में बढ़ा तनाव
वायरल बयान के बाद हस्तिनापुर और आसपास के राजनीतिक क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है।
– समर्थक कह रहे हैं कि मंत्री जी भावनात्मक रूप से जुड़कर बातें कर रहे थे।
– विपक्ष इस बयान को मुद्दा बना रहा है।
– आम जनता के बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या मंत्री सच में राजनीति से पीछे हटने का संकेत दे रहे हैं या यह सिर्फ भावनात्मक प्रतिक्रिया थी।
हस्तिनापुर का विकास और मंत्री की भूमिका
वायरल वीडियो के बावजूद दिनेश खटीक ने कई बार कहा है कि वे हस्तिनापुर की जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं। उनके नेतृत्व में इलाके में कई विकास कार्य चल रहे हैं और बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हस्तिनापुर को धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।
अब बड़ा सवाल — क्या सच में नहीं लड़ेंगे अगला चुनाव?
वीडियो वायरल होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि
👉 क्या यह भावनात्मक पल में दिया गया बयान है
👉 या फिर कोई बड़ा राजनीतिक निर्णय?
फिलहाल पार्टी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इतना तय है कि मंत्री के इस बयान ने हस्तिनापुर की राजनीति में नई हलचल जरूर पैदा कर दी है।
