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करवाचौथ पर ‘मेंहदी जिहाद’ का बवाल! मुज़फ्फरनगर की सड़कों पर लाठीधारी महिलाएं “लव जिहाद” से जोड़कर बनाया नया विवाद

मुज़फ्फरनगर के बाजारों में लाठी लेकर निकलीं क्रांति सेना की महिलाएं — “मेंहदी जिहाद” के विरोध में नारेबाज़ी

मुज़फ्फरनगर के बाजारों में लाठी लेकर निकलीं क्रांति सेना की महिलाएं — “मेंहदी जिहाद” के विरोध में नारेबाज़ी

मुज़फ्फरनगर | करवाचौथ से पहले मुज़फ्फरनगर में ‘मेंहदी जिहाद’ को लेकर बड़ा विवाद भड़क गया। क्रांति सेना की महिला मोर्चा कार्यकर्ता लाठियां लेकर मार्केट में उतरीं और महिलाओं से मुस्लिम कलाकारों से मेंहदी न लगवाने की अपील की। “लव जिहाद” से जोड़ते हुए इस पूरे अभियान ने शहर में तनाव का माहौल बना दिया है।

करवाचौथ का त्यौहार, जो प्यार और आस्था का प्रतीक माना जाता है, इस बार मुज़फ्फरनगर में नफ़रत की राजनीति में बदल गया।
यहां क्रांति सेना की महिला मोर्चा की कार्यकर्ता और शिवसेना नेता बिट्टू शिखेड़ा के समर्थक लाठियां लेकर बाजारों में उतरे और “मेंहदी जिहाद” का विरोध शुरू कर दिया।

कार्यकर्ताओं ने दुकानों के बाहर जाकर महिलाओं से अपील की कि वे मुस्लिम मेंहदी कलाकारों से मेंहदी न लगवाएं, क्योंकि यह कथित तौर पर “लव जिहाद” फैलाने का ज़रिया है।

महिला कार्यकर्ताओं ने बाज़ारों में “जय श्री राम” और “हिंदू संस्कृति की रक्षा करो” जैसे नारे लगाए। कई दुकानदारों के साथ झड़प भी हुई।
कुछ दुकानों ने माहौल बिगड़ने के डर से शटर गिरा दिए।

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर दो धड़े बन गए —
एक पक्ष ने इसे “संस्कृति की रक्षा” कहा,
जबकि दूसरे ने इसे “त्योहारों में नफ़रत घोलने की कोशिश” बताया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और शांति बनाए रखने की अपील की है।
हालांकि, अब तक किसी भी संगठन पर कोई सख़्त कार्रवाई नहीं हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह नया ट्रेंड, जहां हर त्यौहार में धार्मिक रंग चढ़ाया जा रहा है, समाज में गहरी दरारें पैदा कर रहा है।
अब बड़ा सवाल यही है —
👉 क्या प्रशासन समय रहते इस माहौल को रोक पाएगा,
या फिर नफ़रत हर त्योहार की नई परंपरा बन जाएगी?

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