मेरठ में शिव मंदिर पर गोलीबारी: रास्ता न मिलने को लेकर विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया
मेरठ। जलालपुर गांव में गुरुवार को दिन में हुई मामूली कहासुनी शाम होते-होते खूनी संघर्ष में बदल गई। मामला शुरुआत में छोटे विवाद का था. लेकिन इसका परिणाम गंभीर रूप ले गया। काजीपुर से आए करीब 20 हमलावरों ने शिव मंदिर में पूजा कर रहे युवकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी, जिसमें दो युवक घायल हो गए। इस हमले के बाद ग्रामीणों ने एक हमलावर को पकड़ लिया, जबकि बाकी आरोपी मौके से फरार हो गए।
यह घटना लोहिया नगर थाना क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार, जलालपुर गांव में गुरुवार दोपहर करीब 1:30 बजे रास्ता न देने को लेकर कहासुनी हुई थी। इसमें आसिफ पुत्र रियाजुद्दीन निवासी काजीपुर और मोहित के बीच विवाद हुआ। पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया और मामला शांत प्रतीत हुआ।
लेकिन शाम के समय आसिफ अपने करीब 20 साथियों के साथ जलालपुर पहुंचा और शिव मंदिर में पूजा कर रहे कैलाश उर्फ मंगल पुत्र लाला सिंह और मोहित को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 6-7 राउंड फायरिंग की गई।
गोलियों की आवाज सुनते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग अपने-अपने घरों में छिप गए। घटना के दौरान कई लोग चिल्लाते हुए बाहर निकले। घायलों में कैलाश उर्फ मंगल के पैर में गोली लगी, जबकि मोहित को छूकर गोली निकल गई। दोनों घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
घटना के बाद ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए एक हमलावर आसिफ को पकड़ लिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने उसकी बाइक में आग लगा दी। शेष हमलावर मौके को देखते ही फरार हो गए।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य हमलावरों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
विवाद की पृष्ठभूमि
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विवाद की जड़ बहुत मामूली थी। रास्ता न देने को लेकर कहासुनी। ऐसा ही मामूली विवाद अक्सर ग्रामीण इलाकों में बढ़ते विवाद का कारण बन जाता है, लेकिन इस बार यह शिव मंदिर तक फैल गया। विवाद में शामिल दोनों पक्ष पहले से ही एक-दूसरे के परिचित बताए जा रहे हैं।
गांव के लोगों ने कहा कि यदि पुलिस और प्रशासन ने दोपहर में हल्का विवाद और समझौते को गंभीरता से लिया होता, तो शाम को यह खूनी संघर्ष नहीं होता। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस का तत्काल प्रभावी नियंत्रण न होना इस घटना का कारण बना।
हमले की विधि और घायल की स्थिति
घायलों में कैलाश उर्फ मंगल के पैर में गोली लगी, जबकि मोहित को केवल गोली छूकर निकल गई। अस्पताल में भर्ती डॉक्टरों का कहना है कि दोनों की स्थिति स्थिर है, हालांकि कैलाश को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
गांव में दहशत का माहौल है। कई परिवार अपने बच्चों को घर के अंदर रखने को मजबूर हुए। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर पर हमला करना न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है बल्कि पूरे इलाके में सुरक्षा की चिंता पैदा करता है।
पुलिस की कार्यवाही
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने मीडिया को बताया कि जलालपुर में सुरक्षा के लिए पुलिस बल बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बाकी हमलावरों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और ग्रामीणों के बयानों का विश्लेषण किया जा रहा है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी आरोपी जल्द ही पकड़ में आएंगे और न्यायिक प्रक्रिया के तहत उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पुलिस गांव में लगातार गश्त कर रही है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए थाना और स्थानीय प्रशासन हर समय मुस्तैद हैं।
सामाजिक और सुरक्षा पहलू
ऐसे घटनाक्रमों में धैर्य और शांति बनाए रखना बेहद जरूरी है। छोटी कहासुनी अक्सर हिंसक संघर्ष में बदल जाती है। ग्रामीणों का सुझाव है कि स्थानीय पंचायतों और पुलिस को विवादों की निगरानी पहले से करनी चाहिए।
विशेष रूप से मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल ऐसे संवेदनशील स्थल हैं, जहां किसी भी विवाद का तत्काल हल निकालना आवश्यक है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि बड़े समूहों की हिंसा में सामान्य ग्रामीणों और आसपास के लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
गांववासियों ने बताया कि इस घटना के बाद कई लोग डर के मारे अपने घरों में रहने लगे हैं। स्कूल और स्थानीय बाजार में भी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।
मेरठ के जलालपुर गांव में हुई यह घटना यह संदेश देती है कि छोटे विवाद भी बड़े हिंसक संघर्ष में बदल सकते हैं। प्रशासन और पुलिस का त्वरित हस्तक्षेप और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना ग्रामीणों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
हालांकि पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, बाकी हमलावर फरार हैं और उनकी तलाश जारी है। ग्रामीणों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए थाना क्षेत्र में पुलिस की मौजूदगी लगातार बढ़ाई गई है।
यह घटना मेरठ के लिए चेतावनी भी है कि छोटे विवादों को नजरअंदाज करने से बड़े हादसे का खतरा रहता है।
