अनूठा मिलन: हस्तिनापुर में गंगा और बूढ़ी गंगा का संगम, श्रद्धालुओं ने माना शुभ संकेत
Hastinapur mein Ganga aur Budhi Ganga ka Sangam
हस्तिनापुर। धरती पर गंगा का अवतरण सदा से ही आस्था, अध्यात्म और इतिहास का केंद्र रहा है। गंगा को केवल एक नदी नहीं बल्कि मां का दर्जा दिया जाता है। उनके प्रत्येक रूप और प्रवाह को जनमानस दिव्यता और पुण्य से जोड़कर देखता है। ऐसा ही एक अद्भुत दृश्य हस्तिनापुर की पावन धरती पर उस समय देखने को मिला जब मां गंगा और मां बूढ़ी गंगा का अलौकिक मिलन हुआ।
आस्था और इतिहास का अनोखा संगम
हस्तिनापुर का नाम सुनते ही महाभारत काल की गाथाएं स्मृति में जीवित हो उठती हैं। यही वह नगरी है जहां गंगा ने राजा शांतनु से विवाह कर कुरुवंश की नींव रखी। यही वह स्थल है जहां गंगा की प्रचंड धारा ने कुरुवंश के अंतिम राजा निचक्षु के समय नगर की भौगोलिक स्थिति को बदल डाला था। उसी समय गंगा की एक धारा पीछे छूट गई जिसे आज हम “बूढ़ी गंगा” के नाम से जानते हैं।
वर्षों बाद जब प्रकृति ने अपने अनूठे स्वरूप का दर्शन कराया और गंगा व बूढ़ी गंगा का मिलन हुआ तो यह केवल एक भौगोलिक घटना नहीं बल्कि आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम बन गया। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यह पुनर्मिलन शुभ संकेत है और हस्तिनापुर की पवित्र भूमि पर गंगा की कृपा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
प्रकृति का चमत्कार
पिछले एक माह से गंगा की बाढ़ ने क्षेत्र में कहर ढाया हुआ था। मगर इसी आपदा के बीच जब दोनों नदियों की धाराएं आपस में मिलीं तो मानो आपदा वरदान में बदल गई। जिन खेतों में किसान खेती करते थे, वहां अब पावन जलधारा बह रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मिलन देवताओं की इच्छा से हुआ है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
संगम स्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचकर जल अर्पित कर रहे हैं और आरती कर रहे हैं। उनका विश्वास है कि गंगा और बूढ़ी गंगा के इस पुनर्मिलन से क्षेत्र में समृद्धि और शांति आएगी। महिलाएं मंगलगीत गा रही हैं और साधु-संत इसे अद्भुत दिव्य लीला बता रहे हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
इतिहास और आस्था के साथ-साथ यह संगम वैज्ञानिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। गंगा और बूढ़ी गंगा के संगम को शोधकर्ता लैटरल कनेक्टिविटी का उदाहरण बताते हैं। इसका अर्थ है कि बाढ़ के समय अतिरिक्त जल बूढ़ी गंगा में प्रवाहित होकर मुख्य धारा का दबाव कम करता है। यह संगम इस तथ्य का प्रमाण है कि गंगा ने सदियों से बूढ़ी गंगा का साथ निभाया है।
आध्यात्मिक संदेश
आस्था के आलोक में यह मिलन केवल दो नदियों का नहीं बल्कि परंपरा और वर्तमान का संगम भी है। यह हमें यह संदेश देता है कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, मूल स्रोत और उसकी शाखा कभी अलग नहीं हो सकते। जिस प्रकार गंगा और बूढ़ी गंगा का मिलन हुआ है, उसी प्रकार समाज को भी अपने अंतर्विरोधों को भुलाकर एकता और समरसता का मार्ग अपनाना चाहिए।
Web Title: Hastinapur: Anokha Milan: Hastinapur mein Ganga aur Budhi Ganga ka Sangam, Shraddhaluon ne mana Shubh Sanket
