साइबर सुरक्षा पर जागरूकता बैठक — तकनीक के साथ सतर्कता जरूरी: विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारियां

साइबर सुरक्षा पर जागरूकता बैठक: तकनीक के साथ सतर्कता जरूरी: विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारियां

मेरठ। डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों से बचाव को लेकर आज सिटीजन वॉइस की ओर से “साइबर सुरक्षा पर जागरूकता” विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन लाला रामानुज वैश्य अनाथालय परिसर में किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन संगठन के अध्यक्ष प्रशान्त कौशिक ने किया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने जहां जीवन को सरल बनाया है, वहीं साइबर क्राइम और ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियमों की जानकारी होना बेहद आवश्यक है, ताकि कोई भी व्यक्ति साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सके।

बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने कहा कि आधुनिक तकनीक के इस दौर में सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। साइबर अपराधी आपकी जरा सी लापरवाही का फायदा उठाकर आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने सलाह दी कि यदि किसी व्यक्ति के साथ साइबर ठगी की घटना होती है तो उसे तुरंत अपने बैंक से संपर्क कर लेन-देन पर रोक लगानी चाहिए और साथ ही साइबर थाने में तुरंत शिकायत दर्ज करानी चाहिए, ताकि अपराधी की पहचान और लोकेशन का पता लगाया जा सके।

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ चिराग और तुषार ने बताया कि साइबर अपराध कई रूपों में सामने आता है — जैसे हैकिंग, फ़िशिंग, पहचान की चोरी, रैंसमवेयर और मैलवेयर हमले। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग सरल पासवर्ड रखते हैं, जो आसानी से हैक हो जाते हैं। इसलिए हमेशा मजबूत पासवर्ड बनाएं, नियमित रूप से उसे बदलें और अपने डिवाइस को एंटीवायरस से सुरक्षित रखें।

शिक्षाविद् कंवलजीत सिंह ने उपस्थित लोगों को साइबर सुरक्षा से संबंधित बुनियादी सावधानियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पेमेंट या लिंक पर क्लिक करने से पहले स्रोत की पुष्टि करना बेहद जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र शर्मा ने कहा कि अनजान नंबरों से आए लिंक, वीडियो या फोटो को कभी डाउनलोड नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनसे डिवाइस हैक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी अक्सर सोशल मीडिया या बैंकिंग लिंक के जरिये लोगों को ठगते हैं, इसलिए किसी भी संदिग्ध संदेश पर प्रतिक्रिया देने से पहले उसकी सत्यता जांच लें।

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद् मधु डांग ने कहा कि आम लोग साइबर सुरक्षा से जुड़ी बातों को गंभीरता से नहीं लेते, यही कारण है कि अपराधी उन्हें आसानी से निशाना बना लेते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों और बुजुर्गों को भी इस दिशा में शिक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि वे ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रहें।

सामाजिक कार्यकर्ता रिचा सिंह ने कहा कि साइबर अपराधी अब कॉल, मैसेज या सोशल मीडिया लिंक के जरिये लोगों को भ्रमित करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी को भी अपना ओटीपी, एटीएम या बैंक एकाउंट से जुड़ी जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि साइबर सुरक्षा अब व्यक्तिगत जिम्मेदारी बन चुकी है। सरकार और प्रशासन के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक को जागरूक रहकर ही इस चुनौती का सामना करना होगा।

बैठक में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। जिनमें सीमा शर्मा, हर्षवर्धन राजवंशी बिट्टन, डॉ. प्रेम कुमार शर्मा, सौरभ दिवाकर शर्मा, पुनीत शर्मा, अतुल त्यागी निक्कू, कुलदीप, गौरव यादव, सुनील शर्मा, अजय शर्मा, गौहर, प्रशान्त कौशिक, पुष्पेन्द्र शर्मा, रामकुमार शर्मा एडवोकेट, कंवलजीत सिंह, चिराग, तुषार, मधु डांग और रिचा सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे।

📍 स्थान: लाला रामानुज वैश्य अनाथालय, मेरठ
💻 आयोजक: सिटीजन वॉइस
🎯 विषय: साइबर सुरक्षा पर जागरूकता
🗓️ तिथि: रविवार