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माँ भद्रकाली मंदिर हस्तिनापुर : महाभारतकालीन शक्ति पीठ, जहाँ पांडवों ने किया था देवी का पूजन

माँ भद्रकाली मंदिर हस्तिनापुर

माँ भद्रकाली मंदिर हस्तिनापुर

हस्तिनापुर। उत्तर प्रदेश की पवित्र भूमि हस्तिनापुर, जिसे महाभारत की नगरी कहा जाता है, आज भी अपनी आध्यात्मिक और धार्मिक महत्ता के लिए विख्यात है। यहाँ स्थित माँ भद्रकाली मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। यह मंदिर न केवल देवी माँ की अद्भुत कृपा का प्रतीक है, बल्कि महाभारत कालीन इतिहास से भी जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास से पूर्व माँ भद्रकाली की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया था। तभी से यह स्थल भक्तों के लिए शक्ति उपासना का परम धाम बन गया। मेरठ जिले की तहसील मवाना क्षेत्र के अकबरपुर इछछादत्त गांव में स्थित माँ भद्रकाली मंदिर है


महाभारत से जुड़ी दिव्य मान्यता

पुराणों और स्थानीय कथाओं के अनुसार, जब पांडव हस्तिनापुर छोड़कर अज्ञातवास के लिए जा रहे थे, तब उन्होंने यहाँ आकर माँ भद्रकाली की पूजा की। पांडवों ने विजय और धर्म की रक्षा के लिए माँ से आशीर्वाद माँगा।
कहा जाता है कि माँ भद्रकाली ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके जीवन से संकट दूर किए। इसी कारण यह मंदिर आज भी विजय, समृद्धि और धर्म रक्षा का प्रतीक माना जाता है।


माँ भद्रकाली का स्वरूप और शक्ति

माँ भद्रकाली को जगतजननी, संहारक और रक्षक शक्ति के रूप में पूजा जाता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित देवी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। श्रद्धालु मानते हैं कि माता के दरबार में उपस्थित होते ही समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता की आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।


माँ भद्रकाली मंदिर हस्तिनापुर

मंदिर का पावन वातावरण

माँ भद्रकाली का यह मंदिर प्राकृतिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टि से अत्यंत मनोहारी है।

  • ऊँचे टीले पर स्थित यह मंदिर दूर से ही दिव्यता का आभास कराता है।
  • गर्भगृह में देवी माँ का विग्रह अत्यंत शक्तिशाली और मन को शांति देने वाला है।
  • मंदिर परिसर में निरंतर घंटियों की ध्वनि और “जय माँ भद्रकाली” के जयकारे वातावरण को अलौकिक बना देते हैं।

नवरात्रों का विशेष महात्म्य

सालभर माँ भद्रकाली मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्र यहाँ विशेष रूप से उल्लास और आस्था के रंग में डूबे होते हैं। साल के सभी सोमवार को अधिक भीड़ होती है।

  • प्रातःकाल से ही लंबी-लंबी कतारों में भक्त दर्शन हेतु खड़े रहते हैं।
  • कन्या पूजन और अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर भक्त माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  • मंदिर परिसर में विशाल भंडारे और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होते हैं।
  • नवरात्रों के दौरान पूरे हस्तिनापुर में मेले जैसा वातावरण बन जाता है।

नवरात्रों में यहाँ का दृश्य अद्भुत होता है। चारों दिशाओं से आने वाले श्रद्धालु माता के जयकारे लगाते हुए मंदिर पहुँचते हैं और भक्ति व श्रद्धा का अनोखा संगम दिखाई देता है।

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माँ भद्रकाली के दर्शन का पुण्यफल

धर्मग्रंथों के अनुसार, भद्रकाली दर्शन का फल अत्यंत शुभ होता है।

  • संतान सुख की प्राप्ति
  • व्यापार और कार्यक्षेत्र में उन्नति
  • जीवन के संकटों से मुक्ति
  • गृह शांति और परिवार में सुख-समृद्धि

भक्त विश्वास करते हैं कि माता के चरणों में शीश झुकाने से पापों का नाश होता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।


हस्तिनापुर का धार्मिक महत्व

हस्तिनापुर केवल माँ भद्रकाली मंदिर के लिए ही नहीं, बल्कि अपने ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए भी विख्यात है।

  • यहाँ पांडवों और कौरवों का राजमहल रहा है।
  • गंगा तट पर स्थित होने के कारण यह स्थल स्नान और दान के लिए भी पवित्र माना जाता है।
  • जैन धर्म के कई प्रमुख तीर्थ स्थल भी यहीं स्थित हैं।

इस कारण हस्तिनापुर को बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक आस्था का केंद्र कहा जाता है।


कैसे पहुँचे माँ भद्रकाली मंदिर?

  • सड़क मार्ग : मेरठ से हस्तिनापुर की दूरी लगभग 35 किमी है। दिल्ली, मुज़फ्फरनगर और अन्य शहरों से भी सीधा मार्ग उपलब्ध है।
  • रेल मार्ग : मेरठ जंक्शन और मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन निकटतम स्टेशन हैं।
  • हवाई मार्ग : दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यहाँ से सबसे नज़दीक है।

श्रद्धालुओं में आस्था का केंद्र

स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशभर से श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं। कई भक्त नवरात्रों में विशेष व्रत और उपवास रखकर माँ भद्रकाली के दर्शन करने आते हैं। उनका विश्वास है कि माँ का आशीर्वाद उन्हें जीवन में हर संकट से पार लगाता है।


निष्कर्ष

माँ भद्रकाली मंदिर हस्तिनापुर केवल एक मंदिर ही नहीं, बल्कि शक्ति, श्रद्धा और आस्था का जीवंत प्रतीक है। महाभारत काल से लेकर आज तक यह स्थल भक्तों के लिए शक्ति साधना और धर्म रक्षा का पवित्र धाम रहा है।
हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ पहुँचकर माँ के चरणों में नतमस्तक होते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। यदि आप कभी मेरठ या आसपास की यात्रा करें तो माँ भद्रकाली हस्तिनापुर के दर्शन अवश्य करें, क्योंकि माता का आशीर्वाद जीवन को दिव्यता और शक्ति से भर देता है।

Web Title: Maa Bhadrakali Mandir Hastinapur: Mahabharatkalin Shakti Peeth, Jahaan Pandavon Ne Kiya Tha Devi Ka Poojan

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