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लखनऊ जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर जानलेवा हमला, जेल सुरक्षा पर उठे सवाल

Gayatri Prajapati

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Gayatri Prajapati News: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। राजधानी लखनऊ की जेल में अखिलेश यादव सरकार के समय कैबिनेट मंत्री रहे और अमेठी से विधायक रह चुके गायत्री प्रसाद प्रजापति पर जानलेवा हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि जेल अस्पताल में इलाज के दौरान सफाईकर्मी कैदी से विवाद के बाद यह घटना घटी। हमले में गायत्री प्रसाद प्रजापति के सिर पर गंभीर चोट आई है और डॉक्टरों को उनके सिर पर 10 से अधिक टांके लगाने पड़े। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन यह घटना सीधे-सीधे जेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

कौन हैं गायत्री प्रसाद प्रजापति?

सपा सरकार के समय गायत्री प्रसाद प्रजापति उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली मंत्रियों में गिने जाते थे। वे परिवहन, खनन और सिंचाई जैसे अहम विभागों के मंत्री रहे। 2017 में सत्ता बदलने के बाद उनके खिलाफ गैंगरेप और यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए। गिरफ्तारी के बाद से ही वे लखनऊ जेल में बंद हैं। साल 2021 में कोर्ट ने उन्हें गैंगरेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। पिछले आठ साल से अधिक समय से वे जेल में हैं, लेकिन अब जेल के भीतर उनके साथ हुई इस घटना ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।

हमला कैसे हुआ?

जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते प्रजापति जेल अस्पताल गए थे। वहीं सफाई कार्य में लगे एक कैदी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि उस कैदी ने अचानक लकड़ी के पटरे से प्रजापति के सिर पर वार कर दिया। हमले के बाद जेल प्रशासन ने तुरंत उन्हें चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराई और उनके सिर पर टांके लगाए गए।

सपा ने उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी ने इस पूरे मामले पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा–
“जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमले की खबर चिंताजनक है, जेल प्रशासन पूर्व मंत्री को समुचित इलाज उपलब्ध करवाए!”

सपा का आरोप है कि जेल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हो रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब जेल प्रशासन की इतनी सख्त व्यवस्था होती है, तो एक कैदी के हाथ में हथियारनुमा लकड़ी का पटरा कैसे पहुंचा?

यूपी के पूर्व सीएम एंव सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा– भूतपूर्व विधायक व उप्र सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर जेल में हुए जानलेवा हमले की निष्पक्ष न्यायिक जाँच हो। उप्र में कहीं भी, कोई भी सुरक्षित नहीं है।

बेटे अनुराग प्रजापति का बयान

पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनुराग प्रजापति ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि –
“जेल में हमला हुआ है, किसी कैदी ने हमला किया है। जानकारी जेल वाले ही बता पाएंगे। हालत ठीक है लेकिन यह हमला पॉलिटिकल रंजिश का हिस्सा भी हो सकता है।”

सुरक्षा पर बड़ा सवाल

यह घटना केवल एक आपराधिक वारदात भर नहीं है, बल्कि जेल सुरक्षा की पोल खोलने वाली है। सवाल यह है कि जब कोई आम कैदी जेल अस्पताल में इस तरह हमला कर सकता है, तो जेल के भीतर बंद हाई-प्रोफाइल नेताओं और कैदियों की सुरक्षा किस हाल में होगी? क्या सरकार और जेल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है या यह लापरवाही और साजिश का मामला है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना के कई मायने हैं। एक तरफ सपा इसको सरकार की विफलता बताकर मुद्दा बना सकती है, वहीं भाजपा इसे सिर्फ आपसी विवाद बताकर टाल सकती है। लेकिन हकीकत यह है कि यूपी की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था और कैदियों के प्रबंधन पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।

गायत्री प्रसाद प्रजापति जैसे बड़े नेता पर जेल के भीतर हमला होना यह साबित करता है कि हालात सामान्य नहीं हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा निश्चित रूप से प्रदेश की राजनीति में गूंजेगा और विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करेगा। कुल मिलाकर, लखनऊ जेल की यह घटना न सिर्फ एक पूर्व मंत्री की सुरक्षा पर हमला है, बल्कि यूपी की कानून-व्यवस्था और जेल प्रशासन की नाकामी का प्रतीक भी बन गई है।