“जब सपनों को विज्ञान का सहारा मिलता है, तभी भविष्य के वैज्ञानिक जन्म लेते हैं।”
बहसूमा। शुक्रवार को शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत डी मोनफोर्ट अकादमी के कक्षा 9, 10 और 11 के विद्यार्थियों ने ISRO से संबंधित एक ज्ञानवर्धक सेमिनार में भाग लिया। इस सेमिनार का उद्देश्य विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान, सैटेलाइट तकनीक और ISRO के प्रमुख मिशनों की विस्तृत जानकारी देना था।
सेमिनार के दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि सैटेलाइट को पृथ्वी से अंतरिक्ष में भेजने की प्रक्रिया कितनी जटिल होती है और इसमें कितनी वैज्ञानिक योजना, परिश्रम और तकनीकी दक्षता की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों ने रॉकेट की कार्यप्रणाली, सैटेलाइट लॉन्च की पूरी प्रक्रिया तथा अंतरिक्ष में सैटेलाइट की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस शैक्षिक भ्रमण के दौरान विद्यालय के शिक्षक नितिन चावला और अनुपमा शर्मा विद्यार्थियों के साथ उपस्थित रहे। सेमिनार में डॉ. समीर वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अंतरिक्ष विज्ञान और सैटेलाइट के महत्व को सरल भाषा में समझाया।
विद्यालय की निर्देशिका डॉ. गरिमा वर्मा ने सेमिनार की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को विज्ञान एवं अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वहीं विद्यालय की उप प्रधानाचार्य श्रीमती रितु चिकारा ने भी छात्रों को परिश्रम, लगन और वैज्ञानिक सोच के साथ लक्ष्य हासिल करने का संदेश दिया।
कुल मिलाकर यह सेमिनार विद्यार्थियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक बल्कि प्रेरणादायक भी सिद्ध हुआ, जिसने छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति उत्सुकता और आत्मविश्वास को बढ़ाया।
