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iPhone-17 के लिए लगी लाइन ने बताई “प्रीमियम वर्ग” की हकीकत

iPhone 17 ki line: Delhi Apple Store par premium class ka junoon | Newshighway

Delhi। देश में एक ओर किसानों को खाद के लिए घंटों-घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है, तो दूसरी ओर बेरोज़गार युवा नौकरी की तलाश में दफ्तर-दफ्तर भटकते हैं। यही नहीं, सरकारी योजनाओं और राशन तक के लिए आम लोगों को लंबी लाइनें झेलनी पड़ती हैं। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू देखिए, वही देश, वही लाइनें, पर इस बार वजह है एप्पल का नया स्मार्टफोन iPhone-17

दिल्ली के साकेत स्थित एप्पल स्टोर के बाहर सुबह से ही ‘प्रीमियम वर्ग’ के लोग कतार में खड़े दिखे। वीडियो में साफ नज़र आता है कि जैसे ही बिक्री शुरू हुई, लोग नए आईफोन को हाथों में लेने के लिए बेताब नज़र आए। कुछ लोग तो पूरी रात स्टोर के बाहर डेरा डाले रहे, ताकि सबसे पहले फोन खरीद सकें।

इस दृश्य ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे लेकर तंज़ कस रहे हैं कि “देश में दो हिंदुस्तान बसते हैं” — एक, जहाँ लोग ज़रूरी चीज़ों के लिए लाइन में लगते हैं, और दूसरा, जहाँ लोग लाखों रुपये के फोन खरीदने के लिए।

आईफोन की बिक्री और भीड़ देखकर यह साफ है कि भारतीय बाज़ार एप्पल के लिए कितना बड़ा बन चुका है। लेकिन सवाल यह भी है कि जब शिक्षा, रोजगार और कृषि जैसे अहम मुद्दों के लिए जनता को लंबी कतारें झेलनी पड़ती हैं, तो क्या आईफोन की यह लाइन देश की प्राथमिकताओं और असमानताओं का आईना नहीं दिखाती?

दिलचस्प ये है कि इस बार कतार में खड़े लोग न तो सब्सिडी चाहते हैं, न सरकारी राहत पैकेज। उन्हें चाहिए सिर्फ़ एक चमचमाता स्मार्टफोन, जिसकी कीमत उतनी है जितने में कोई किसान बीज-खाद लेकर अपनी फसल उगा ले या कोई बेरोज़गार सालभर का खर्चा निकाल ले।

सोशल मीडिया पर भी ये वीडियो वायरल है, और तंज़ यही है — “देश में दो हिंदुस्तान हैं।” एक वो, जो ज़रूरी चीज़ों के लिए लाइन में है और दूसरा वो, जो शौक़ पूरे करने के लिए। सवाल ये है कि असली तरक्की किस लाइन से झलकती है?

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