राज्य में पंचायत-निकाय चुनाव को लेकर चल रही लंबी कानूनी प्रक्रिया पर आज हाईकोर्ट ने बड़ा और स्पष्ट फैसला सुनाया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि 15 अप्रैल 2026 तक हर हाल में पंचायत और नगर निकाय चुनाव सम्पन्न करा दिए जाएं। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्थानीय निकायों का समय पर चुना जाना आवश्यक है, इसलिए चुनाव में देरी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।
कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि 31 दिसंबर 2025 तक परिसीमन (Delimitation) की पूरी प्रक्रिया अनिवार्य रूप से पूरी कर ली जाए, ताकि उसके बाद चुनाव की समस्त तैयारी सुचारु रूप से संचालित की जा सके। खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि परिसीमन समय पर पूरा नहीं होता है तो चुनाव प्रक्रिया में अनावश्यक देरी होगी, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए सरकार और संबंधित विभाग निर्धारित समयसीमा में सटीक रूप से कार्यवाही सुनिश्चित करें।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद चुनाव आयोग और प्रशासन पर समयबद्ध तरीके से तैयारी करने की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में स्थानीय निकायों का अस्तित्व तभी सार्थक है जब जनता को समय पर अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार मिले। इस आदेश से राज्य में पंचायत-निकाय चुनावों को लेकर चल रही अनिश्चितता काफी हद तक समाप्त हो गई है और अब सरकार पर स्पष्ट समयसीमा के भीतर चुनाव कराए जाने की जवाबदेही तय हो गई है।
