हस्तिनापुर। वन आरक्षित क्षेत्रों में लगातार हो रही अवैध वृक्ष कटाई अब हरियाली के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। हस्तिनापुर अभयारण क्षेत्र, जो लगभग 2073 वर्ग किलोमीटर में फैला है, अपनी प्राकृतिक संपदा और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ चंदन, खैर और शीशम जैसे बहुमूल्य वृक्षों के साथ-साथ सांभर, बारहसिंगा, तेंदुआ, नीलगाय और कई दुर्लभ पक्षियों का निवास स्थल है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ समय से वन माफिया खुलेआम हरे पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, जबकि विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। रात के अंधेरे में माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉली में लकड़ी भरकर ले जाते हैं और दिन में पक्षियों के बसेरे वाले पेड़ों को काटा जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने जताया आक्रोश
लोगों का आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी अवैध कटाई संभव नहीं है। वन विभाग पर केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित रहने के आरोप लग रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि अवैध कटाई में संलिप्त वन माफिया और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, अन्यथा क्षेत्र की हरियाली पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

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