NEWS HIGHWAY

खबरों का digital अड्डा

गंगा स्नान: जाट, गुर्जर और त्यागी बिरादरी का सबसे बड़ा जलवा

गंगा स्नान: जाट, गुर्जर और त्यागी बिरादरी का सबसे बड़ा जलवा

गंगा स्नान: जाट, गुर्जर और त्यागी बिरादरी का सबसे बड़ा जलवा

पश्चिम यूपी। अबकी बार गंगा घाटों का नजारा सालभर की सारी खबरों को पीछे छोड़ देगा। ये सिर्फ डुबकी लगाने का मौका नहीं है, ये पश्चिम यूपी के जाट, गुर्जर और त्यागी बिरादरी का सबसे बड़ा मेला है। गढ़, शुक्रताल, तिगरी, मकदूमपुर, हस्तिनापुर और गंज में घाटों पर लाखों लोग उमड़ेंगे। कहते हैं कि इस डुबकी से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, लेकिन असली बात ये है कि यहां दिखावा, ताकत और रुतबा भी नजर आता है।

मेले की असली शान हैं यहां आने वाले लोग। गांव-गांव से निकली लंबी कतारें, बड़े-बड़े ट्रैक्टर, चमचमाती गाड़ियां, ट्रॉली और टनों का बोझ खींचते झोटे-बैल घाट तक आते हैं। हर बिरादरी के लोग अपने जानवरों को सजाकर लाते हैं और दिखाते हैं कि किसका झोटा सबसे तगड़ा है, किसका बैल सबसे भारी। ये सिर्फ गंगा स्नान नहीं, ये बिरादरी की ताकत का बयान है।

दूर-दराज के गांवों से परिवार जुटते हैं। पुराने रिश्ते ताज़ा होते हैं, दोस्तियां गहरी होती हैं और नई पीढ़ी सीखती है कि अपनी मिट्टी और परंपरा का मतलब क्या होता है। ढोल-नगाड़े की थाप पर जत्थों का जमावड़ा घाट की तरफ बढ़ता है, और माहौल पूरी तरह धार्मिक और रंगीन हो जाता है।

मेले में चाट-पकौड़ी, मिठाई, झूले और खिलौनों की दुकानें सजती हैं, लेकिन असली दिखावा हमेशा वही रहता है—गंगा स्नान और बिरादरी का भाईचारा। भीड़ इतनी कि प्रशासन ने घाटों की सफाई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने पड़े।

तो अगली बार जब आप घाट की तस्वीर देखें, इसे सिर्फ पूजा का मेला मत समझिए। ये आस्था, रुतबा और ताकत का संगम है, जिसमें जाट, गुर्जर और त्यागी बिरादरी पूरे जोर-शोर से उतरती है और दिखाती है कि उनका मेल-जोल, ताकत और परंपरा अब भी जिंदा है।