हरिद्वार से दिल्ली तक किसानों की पदयात्रा गाजियाबाद बॉर्डर पर रोकी गई
एक माह बीतने के बाद भी नहीं हुई वार्ता, किसान फिर से दिल्ली कूच की तैयारी में
गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन (संघर्ष मोर्चा) के बैनर तले 17 सितंबर से हरिद्वार से दिल्ली संसद भवन तक शुरू हुई गंगाजल लेकर पदयात्रा को प्रशासन ने 22 सितंबर को गाजियाबाद बॉर्डर पर रोक दिया था। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने उस समय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता का समय मांगा था, लेकिन एक माह गुजर जाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई संवाद नहीं हुआ है।
किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद दिल्ली कूच का निर्णय लिया जाएगा।
🔹 किसानों की प्रमुख मांगें
- गन्ने का मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल तय किया जाए।
- पिछले दो वर्षों का बकाया गन्ना भुगतान तत्काल किया जाए।
- स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
- बाढ़ प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
- बिजनौर में गुलदार हमले में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले।
- नए वाहनों पर रोड और टोल टैक्स समाप्त किया जाए।
किसानों का कहना है कि उनकी मांगें लंबे समय से अनसुनी की जा रही हैं। सरकार ने यदि शीघ्र समाधान नहीं किया, तो यह आंदोलन दोबारा दिल्ली संसद भवन की ओर बढ़ेगा।
प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है, जबकि किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यह केवल शांतिपूर्ण आंदोलन की शुरुआत है।
📍 स्थान: गाजियाबाद बॉर्डर
📅 पदयात्रा आरंभ: 17 सितंबर 2025
🚫 रोक की तारीख: 22 सितंबर 2025
👥 संगठन: भारतीय किसान यूनियन (संघर्ष मोर्चा)
