बिहार का मशहूर मटन चुस्ता अब पूरे देश में फेमस है। जानिए क्या है इसका असली राज़ — मटन के पेट की अंदरूनी थैली में भरी चर्बी और मांस से बनता है यह खास डिश। पटना और मोतिहारी का पारंपरिक स्वाद, धीमी आंच पर पकाया जाने वाला बिहार का लज़ीज़ व्यंजन।
मटन लवर्स के लिए एक खुशखबरी! अब खुल चुका है उस व्यंजन का राज़, जिसने बिहार से लेकर मुंबई और कोलकाता तक स्वाद के दीवानों को दीवाना बना रखा है मटन चुस्ता।
अब तक बहुतों को यह नहीं पता था कि आखिर “मटन चुस्ता” होता क्या है और इसे इतना स्पेशल क्यों माना जाता है।
दरअसल, मटन चुस्ता कोई साधारण डिश नहीं, बल्कि बकरे के पेट की अंदरूनी थैली (आंत का हिस्सा) होती है, जिसमें चर्बी और मांस भरकर पकाया जाता है। यह हिस्सा न तो गलत होता है और न ही अस्वच्छ बल्कि यह बकरे का वह हिस्सा है, जिसमें सबसे ज्यादा फ्लेवर्ड फैट और टेस्टी जूस मौजूद होता है।
इसी वजह से इसे जब धीमी आंच पर पकाया जाता है, तो मांस अंदर से गल जाता है और ऊपर की परत हल्की कुरकुरी हो जाती है जो हर बाइट को जन्नत जैसा स्वाद देती है।
🏕️ उत्पत्ति और इतिहास
मटन चुस्ता की शुरुआत बिहार से हुई मानी जाती है। यह व्यंजन खास तौर पर पटना, मोतिहारी और सीवान जैसे इलाकों में पारंपरिक रूप से बनाया जाता है। पुराने समय में यह डिश ईद और बकरीद के खास मौके पर घरों में बनाई जाती थी।
धीरे-धीरे इसका स्वाद इतना मशहूर हुआ कि यह अब कोलकाता, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी लोकप्रिय हो गया है।
🍲 कैसे बनता है असली मटन चुस्ता
शेफ विजय (विजय होटल, पटना) बताते हैं कि असली चुस्ता बनाने के लिए बकरे की आंत का हिस्सा लिया जाता है, जिसमें अंदर से चर्बी और छोटे मांस के टुकड़े भरे जाते हैं। फिर इसे मसालों जैसे देसी गरम मसाला, काली मिर्च, सौंठ, धनिया और सरसों के तेल में मरीनैट कर धीमी आंच पर घंटों पकाया जाता है।
इस प्रक्रिया से इसमें एक स्मोकी खुशबू और तीखा देसी फ्लेवर आता है, जो इसे बाकी मटन डिशों से बिल्कुल अलग बनाता है।
शेफ विजय हँसते हुए कहते हैं —
“भाईसाहब, चुस्ता नाम यूँ ही नहीं पड़ा! इसे खाते-खाते आदमी चुस्त हो जाता है, और स्वाद से मुँह बंद नहीं होता!” 😋
🌶️ कहां मिलेगा असली स्वाद
बिहार के विजय होटल (पटना) में आपको मिलेगा सबसे असली चुस्ता।
यहां का चुस्ता इतना फेमस है कि एक बार खाने वाले लोग अगली बार सिर्फ इसी के लिए लौटते हैं।
धीमी आंच पर पका, हल्का कुरकुरा और अंदर से गलता हुआ यह व्यंजन बिहार की पहचान बन चुका है।
“अरे भइया, चुस्ता तो ऐसन बनत है कि जइसे मुँह में रस फूट पड़त हो!
हड्डी न चूसनी पड़े स्वाद खुद ज़ुबान पे उतर आवे!”
मटन चुस्ता सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि बिहार की रसोई का गौरव है।
आज यह स्वाद सीमाओं को पार कर देश के कोने-कोने तक पहुँच चुका है।
तो अगली बार जब कोई पूछे “चुस्ता आखिर होता क्या है?” — तो मुस्कुराकर कहिए,
👉 “भइया, यह है मटन का असली दिल — चर्बी में लिपटा स्वाद और देसी मसालों का जादू।”
– रिपोर्ट : न्यूज़ हाईवे | स्वाद का सच, परंपरा के संग
