बीएलओ दौरे से शुरुआत—लेकिन कांग्रेस की राह अभी लंबी और चुनौतीपूर्ण। SIR आया, Congress का सीजन लाया!
उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है। देशभर में कई राज्यों में लगातार कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी अब यूपी में संगठन पुनर्जीवन के मिशन पर है। इसी कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इन दिनों “BLO संवेदना अभियान” के तहत मेरठ और बिजनौर के दौरे पर पहुंचे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी वर्तमान समय में संगठनात्मक रूप से काफी कमजोर है। बड़े नेताओं की जमीन से दूरी और प्रदेश में सक्रिय चेहरे न होने के कारण कांग्रेस को मजबूती नहीं मिल पा रही। कई राज्यों में गठबंधन करने के बावजूद पार्टी की सीटों की संख्या उसकी स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाती है। वहीं राहुल गांधी के बयानों को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा है, लेकिन संगठन की मजबूती पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अपेक्षित फोकस नहीं दे पा रहा।
हालांकि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अपने स्तर पर बूथ स्तर को मजबूत करने के प्रयासों में जुटे हैं। मेरठ और बिजनौर में उन्होंने BLO से मुलाकात की और लोगों की समस्याओं को समझा। उनका कहना है कि कांग्रेस बूथ स्तर से अपनी पकड़ मजबूत करेगी और जनता के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएगी।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कांग्रेस को यूपी में मजबूत वापसी करनी है तो उसे जमीनी स्तर पर संगठन में नई ऊर्जा भरने की जरूरत है। सवाल यह भी है कि क्या अजय राय के प्रयास पार्टी को मजबूती दे पाएंगे या फिर कांग्रेस को 2027 में भी वही चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
web title: UP-2027: Congress’s new strategy or old problems? Ajay Rai is trying to strengthen the organization in Meerut-Bijnor.
