कांग्रेस की प्रवक्ता साधना भारती ने कहा कि सरकार ने मनरेगा योजना को कमजोर करने वाले निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना जीवन और काम के अधिकार से जुड़ी है और इसे समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस हर मंच पर इस विरोध में खड़ी रहेगी।
Meerut। कांग्रेस पार्टी ने 17 दिसंबर 2025 को जारी अपने आधिकारिक प्रेस वक्तव्य में केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया है कि लोकसभा में “सुधार” के नाम पर पास किए गए नए बिल से मनरेगा (MGNREGA) जैसी बड़ी रोजगार गारंटी योजना को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। कांग्रेस ने इसे “महात्मा गांधी की सोच पर चोट” और “सबसे गरीब भारतीयों से काम का अधिकार छीनने की कोशिश” करार दिया है।
पार्टी ने कहा कि दो दशकों से मनरेगा ग्रामीण परिवारों के लिए लाइफलाइन रहा है और कोविड-19 महामारी के दौरान इसने आर्थिक सुरक्षा प्रदान की, लेकिन पिछले वर्षों में लगातार नीतिगत बदलावों के जरिए योजना को कमजोर किया गया।
📌 कांग्रेस के प्रमुख आरोप
जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी कांग्रेस : साधना भारती—
- मनरेगा को संवैधानिक अधिकार आधारित गारंटी से हटाकर शर्तों वाली केंद्र-नियंत्रित स्कीम में बदला जा रहा है।
- राज्यों पर लगभग ₹50,000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने की कोशिश, जबकि नियंत्रण केंद्र के पास रहेगा।
- नए सिस्टम में तय समय के लिए रोजगार बंद किए जाने की आशंका, जिससे गरीब प्रभावित होंगे।
- पंचायतों और ग्राम सभाओं का अधिकार घटाकर केंद्रीकृत डिजिटल सिस्टम का दबाव बढ़ाया जा रहा है।
- मांग आधारित रोजगार प्रणाली को सीमित फंड आवंटन मॉडल में बदलने का आरोप।
कांग्रेस ने कहा कि यह कदम महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान और ग्रामीण रोजगार पर हमला है। पार्टी ने घोषणा की कि इस फैसले के विरोध में “सड़क से संसद तक लड़ाई जारी रहेगी।”
🔴 नेशनल हेराल्ड केस पर भी कांग्रेस का केंद्र पर हमला
इसी वक्तव्य में कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड केस पर आए अदालत के फैसले का उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार पर “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” और “जांच एजेंसियों के दुरुपयोग” का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने कहा कि अदालत द्वारा केस खारिज किए जाने से सरकार के आरोप कमजोर साबित हुए हैं। पार्टी ने कहा कि वह लोकतंत्र और संस्थाओं की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
नोट: यह रिपोर्ट कांग्रेस द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस वक्तव्य पर आधारित है।
