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बिहार का विकास: फीते कटे, भीड़ जुटी… लेकिन गरीबी नंबर वन!

#SachinTyagiReports

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सियासत। NDA सरकार को केंद्र में 11 साल पूरे हो गए। इन वर्षों में बिहार के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ। हर मंच पर फीते कटे, भूमिपूजन हुआ और योजनाओं की लंबी सूची गिनाई गई। एयरपोर्ट बने, वंदे भारत ट्रेन आई और अमृत भारत स्टेशन का उद्घाटन भी हुआ।

लेकिन NITI Aayog की ताज़ा रिपोर्ट ने सारा गणित बिगाड़ दिया। रिपोर्ट कहती है कि बिहार आज भी पूरे देश में बहुआयामी गरीबी (Multidimensional Poverty) में नंबर 1 पर है। यानी आंकड़े कुछ और कह रहे हैं और ज़मीन की सच्चाई कुछ और। यही है बिहार का विकास का विरोधाभास।

बिहार को एयरपोर्ट मिला, तेज़ रफ्तार वंदे भारत ट्रेनें चलीं, और रेलवे स्टेशन अमृत भारत योजना के तहत आधुनिक बने। लेकिन सवाल ये है कि इन सबका सीधा असर लोगों की ज़िंदगी पर क्यों नहीं दिख रहा? लाखों युवाओं के पास अब भी रोजगार नहीं है। गाँवों में मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है। औरतें अब भी पानी के लिए दूर-दराज़ तक जाती हैं और किसान फसल बेचने के लिए परेशान रहते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि सीमांचल में प्रधानमंत्री मोदी की रैली में उमड़ी भीड़ ने यह ज़ाहिर कर दिया कि जनता में अब भी उम्मीद बाकी है। भीड़ का उत्साह बताता है कि लोग अब भी मानते हैं कि सरकार से कुछ बेहतर होगा। लेकिन यह भी सच है कि भीड़ जुटना और वोट मिलना हमेशा विकास की असली तस्वीर नहीं दिखाता।

सवाल वही है — बिहार को योजनाएँ तो मिली हैं, लेकिन क्या उनका असर गरीबी कम करने में दिख रहा है? अगर विकास का पहिया इतना आगे बढ़ चुका है, तो फिर रिपोर्ट क्यों कह रही है कि बिहार आज भी सबसे गरीब राज्य है?

बिहार की तस्वीर दो हिस्सों में बंटी नज़र आती है — एक तरफ बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन, और दूसरी तरफ आम जनता का संघर्ष। यही विरोधाभास बिहार की सबसे बड़ी चुनौती है।

Reports: Sachin Tyagi

Web Title: Bihar: 1 Lakh Crore ke Vikas Projects ke Baad bhi Garibi Mein No.1 – NITI Aayog Report