बिहार NDA में सीटों का बंटवारा तय — एकजुटता का प्रदर्शन, ‘सुशासन राज’ में विकास का संकल्प
बिहार विधानसभा चुनाव 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए NDA में सीटों का बंटवारा तय हो गया है। भाजपा और जदयू को 101-101 सीटें, जबकि लोजपा, हम और रालोमो को शेष सीटें मिलीं। गठबंधन ने ‘फिर एक बार एनडीए सरकार’ का नारा दिया है।
🗳️ बिहार NDA में सीटों का बंटवारा पूरा, एकजुटता का संदेश
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है।
लंबे विचार-विमर्श और शीर्ष नेतृत्व की कई बैठकों के बाद सभी घटक दलों ने आपसी सहमति से सीटों का फॉर्मूला तय कर लिया है।
इस समझौते को गठबंधन की मजबूती और आपसी विश्वास का प्रतीक माना जा रहा है। भाजपा और जदयू के बीच बराबर सीटों का बंटवारा राजनीतिक संतुलन और परस्पर सम्मान का संकेत है।
📊 सीटों का बंटवारा इस प्रकार हुआ:
| दल का नाम | सीटें |
|---|---|
| भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 101 |
| जनता दल (यूनाइटेड) | 101 |
| लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) | 29 |
| राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) | 06 |
| हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) | 06 |
कुल 243 सीटों में यह बंटवारा सभी दलों की सहमति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की संयुक्त बैठक में अंतिम रूप से तय किया गया।
🗣️ गठबंधन नेताओं की प्रतिक्रिया
NDA नेताओं ने इस सीट समझौते को ऐतिहासिक और संतुलित बताया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि —
“एनडीए पूरी तरह एकजुट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में फिर सुशासन और विकास की सरकार बनेगी।”
वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा —
“बिहार की जनता सुशासन और स्थिरता चाहती है। एनडीए सरकार ने विकास की जो नींव रखी थी, उसे अब नई ऊँचाइयों तक ले जाने का समय है।”
लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान ने भी गठबंधन पर भरोसा जताते हुए कहा —
“एनडीए में सभी साथी एक ध्येय के साथ चल रहे हैं — ‘फिर एक बार NDA सरकार’।”
🧩 राजनीतिक समीकरण और रणनीति
इस बार का सीट बंटवारा एनडीए की रणनीतिक सोच को दर्शाता है।
भाजपा और जदयू को बराबर-बराबर सीटें देकर यह संदेश दिया गया है कि गठबंधन में दोनों पार्टियां बराबरी की भागीदार हैं।
वहीं लोजपा, रालोमो और हम जैसी सहयोगी पार्टियों को सम्मानजनक हिस्सेदारी दी गई है ताकि एनडीए का वोट बैंक मजबूत बना रहे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फॉर्मूला सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
गठबंधन का मुख्य फोकस ग्रामीण विकास, रोजगार, और कानून व्यवस्था पर रहेगा।
🧱 ‘सुशासन राज’ में विकास का रोडमैप
एनडीए के नेताओं ने इस मौके पर यह भी कहा कि आने वाले चुनाव में जनता के सामने सिर्फ “विकास” ही एजेंडा होगा।
सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को जनता तक पहुँचाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि —
“बिहार में सुशासन सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि हमारी पहचान है। विकास का रास्ता स्थिर सरकार से होकर ही गुजरता है।”
गठबंधन ने यह भी तय किया है कि चुनाव अभियान में “सुशासन राज में ही होगा बिहार का विकास” नारे को प्रमुखता दी जाएगी।
🚩 ‘फिर एक बार NDA सरकार’ का संकल्प
एनडीए ने बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए नारा दिया है —
“एकजुट नेतृत्व, अटूट विश्वास — सुशासन राज में ही होगा बिहार का विकास।”
गठबंधन की रणनीति है कि जनता के बीच यह संदेश जाए कि सभी दल एक साथ, एक मंच पर और एक लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।
भाजपा-जदयू गठबंधन को उम्मीद है कि 2025 के चुनाव में उन्हें भारी जनसमर्थन मिलेगा और बिहार एक बार फिर स्थिर शासन की दिशा में आगे बढ़ेगा।
