अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेटियाँ फाउंडेशन ने मिशन शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में बेटियों ने शिक्षा, समानता और सुरक्षा का संदेश दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समाज को जागरूक किया।
मेरठ | अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बेटियाँ फाउंडेशन द्वारा मिशन शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य बेटियों के अधिकारों, आवाज़ और नेतृत्व को बढ़ावा देना रहा। कार्यक्रम का संचालन कॉलेज कोऑर्डिनेटर श्रीमती रीना सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं को सुरक्षा और स्वावलंबन के प्रति जागरूक करने के लिए पोस्टर प्रदर्शन किया गया तथा हेल्पलाइन नंबर 181, 112, 102, 1098, 1090 और 1930 की जानकारी दी गई। अंजलि यादव को बाल विवाह रोकथाम मिशन की और लवी को नशा मुक्त शहर अभियान की गुरु के रूप में जिम्मेदारी दी गई।
फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजु पांडेय ने कहा कि इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में लड़कियों के अधिकारों को सशक्त करना और लैंगिक समानता की दिशा में समाज को प्रेरित करना है। वर्ष 2025 की थीम “मैं जो लड़की हूं, मैं जो बदलाव लाती हूं” बालिकाओं की नेतृत्व क्षमता और समाज में उनके योगदान को रेखांकित करती है। कार्यक्रम में मानसी, शोभा, काजल, स्वाति, अंजलि, उमा और रिया ने अपने विचार व्यक्त किए और बेटियों के अधिकारों की बात रखी।
कुसुम शर्मा के नेतृत्व में एक सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ जिसमें संस्कार, संस्कृति और सभ्यता का प्रदर्शन किया गया। चार ग्रुपों में हुए प्रतियोगिता में बंगाली ग्रुप प्रथम, नाटिका द्वितीय, राजस्थान तृतीय और सोलो ग्रुप चतुर्थ रहा। उमा ने अजन्मी बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर भावनात्मक गीत प्रस्तुत किया जबकि “मुझे पढ़ने का हक दो, तो दो परिवारों की जिंदगी बदल दूंगी” और “मैं कमजोर नहीं” जैसी नाटिकाओं ने शिक्षा के महत्व पर संदेश दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को उपहार देकर सम्मानित किया गया और लैंगिक समानता व जागरूकता हेतु हस्ताक्षर रैली निकाली गई जिसमें छात्राओं ने पोस्टरों और नारों के माध्यम से समाज को जागरूक किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था की टीम में नीरा गुप्ता, संतोष भारद्वाज, काउंसलर मीनू बाना, डॉ. क्षमा चौहान, सचिव शिवकुमारी गुप्ता, शशि बाला और बबीता कटारिया का विशेष योगदान रहा।

