जानिए बांग्लादेश में स्थित प्राचीन ढाकेश्वरी शक्तिपीठ (Dhakeshwari Shakti Peeth) का इतिहास, पौराणिक मान्यताएँ और क्यों यह हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है।
ढाका (बांग्लादेश): दक्षिण एशिया के धार्मिक स्थलों में अपना विशेष स्थान रखने वाला ढाकेश्वरी शक्तिपीठ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के उन प्रमुख शक्तिपीठों में शामिल माना जाता है, जिनसे माता सती के पौराणिक इतिहास और भगवान शिव की भक्ति गहराई से जुड़ी हुई है। धार्मिक परंपरा के अनुसार यहां माता सती के मुकुट (क्राउन के रत्न) के गिरने की मान्यता है, जिसके कारण यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में विख्यात हुआ।
ढाकेश्वरी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बांग्लादेश के हिंदू समुदाय की आस्था और सांस्कृतिक विरासत का भी अहम केंद्र है। नवरात्रि और अन्य पर्वों के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खास बात यह है कि बांग्लादेश में होने के बावजूद यह मंदिर भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक एकता का मजबूत प्रतीक माना जाता है।
माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। ढाकेश्वरी शक्तिपीठ को बांग्लादेश का राष्ट्रीय मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि यह देश के सबसे प्राचीन और प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है।
धार्मिक इतिहास, आस्था और संस्कृति का अनोखा संगम होने के कारण ढाकेश्वरी शक्तिपीठ आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का मजबूत केंद्र बना हुआ है। यहां आने वाले भक्त इसे शक्ति, विश्वास और भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का जीवंत प्रतीक मानते हैं।
