अलीगढ़ में मंदिर की दीवार पर “I Love Muhammad” लिखने की साजिश का खुलासा — चार हिंदू युवक गिरफ्तार, मौलवी की फैमिली को फंसाने की थी योजना

अलीगढ़ में मंदिर की दीवार पर “I Love Muhammad” लिखने के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि यह साजिश गांव के चार हिंदू युवकों — अभिषेक, दिलीप शर्मा, आकाश और निशांत — ने खुद रची थी ताकि मौलवी की फैमिली को झूठे मुकदमे में फंसाया जा सके। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में धार्मिक तनाव फैलाने की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। लोधा थाना क्षेत्र के एक गांव में मंदिरों की दीवारों पर “I Love Mohammad” लिखे जाने के मामले में पुलिस ने चार युवकों — अभिषेक, दिलीप शर्मा, आकाश और निशांत — को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी हिंदू समुदाय से हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि इन युवकों ने खुद ही यह हरकत की थी ताकि गांव के दूसरे समुदाय के लोगों, विशेषकर एक मौलवी की फैमिली, को झूठे मुकदमे में फंसाया जा सके।

जन्मदिन पार्टी में बनी थी साजिश
पुलिस के अनुसार, यह पूरी साजिश एक जन्मदिन पार्टी के दौरान रची गई थी। गांव में मौलवी की शिकायत पर दर्ज एक पुराने मुकदमे को लेकर चारों आरोपी नाराज थे। उन्हें आशंका थी कि पुलिस उस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। इसी कारण उन्होंने झूठा माहौल बनाने और दबाव डालने के लिए यह षड्यंत्र तैयार किया। युवकों ने आधी रात के समय मंदिरों की दीवारों पर “I Love Mohammad” लिखकर दूसरे समुदाय को दोषी ठहराने की योजना बनाई, जिससे गांव में तनाव का माहौल पैदा हो सके।

एसएसपी ने किया मामले का खुलासा
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि किसी भी दूसरे समुदाय की इस घटना में कोई संलिप्तता नहीं थी। पूरा घटनाक्रम गांव के ही इन चार युवकों की साजिश थी, जो जानबूझकर धार्मिक भावना भड़काकर माहौल खराब करना चाहते थे।

एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने धार्मिक भावनाएं भड़काने, शांति भंग करने और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति धर्म या समुदाय के नाम पर समाज में नफरत फैलाने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की सजगता से बड़ा विवाद टला
इस मामले ने गांव में संभावित तनाव को जन्म दे दिया था, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बड़ा विवाद टल गया। पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय नागरिकों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ पुलिस सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर फैलाए जा रहे भ्रामक संदेशों पर भी कड़ी नजर रख रही है।

गांव के लोगों ने भी राहत की सांस ली है कि असलियत समय रहते सामने आ गई। कई ग्रामीणों ने कहा कि अगर पुलिस देर करती, तो मामला सांप्रदायिक तनाव में बदल सकता था।

📰 रिपोर्ट: न्यूज़ हाईवे डिजिटल डेस्क, अलीगढ़
📍 स्रोत: News Highway
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