मेरठ: सपा का जेल भरो आंदोलन, पुलिस से झड़प, सम्राट मिहिर भोज विवाद से गरमाई सियासत
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मेरठ। सम्राट मिहिर भोज को लेकर चल रहे विवाद की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने जेल भरो आंदोलन करते हुए चौधरी चरण सिंह जिला कारागार की ओर कूच किया। वे दादरी गांव में हुए विवाद के बाद गिरफ्तार किए गए 22 आंदोलनकारियों से मिलने जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई।
सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
शुक्रवार दोपहर सपा के कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पर एकत्र हुए। यहां से वरिष्ठ गुर्जर नेता के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता जिला कारागार की ओर रवाना हुए। जैसे ही कार्यकर्ता जेल रोड पर पहुंचे, पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग कर दी। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने इसे रोक-टोक बताते हुए विरोध शुरू कर दिया।
स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब समाजवादी पार्टी के युवा नेता सम्राट मलिक ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई और दोनों ओर से आक्रोश के स्वर तेज हो गए।
पृष्ठभूमि: सम्राट मिहिर भोज विवाद
गौरतलब है कि दादरी क्षेत्र के गांव में हाल ही में सम्राट मिहिर भोज को लेकर विवाद गहराया था। गुर्जर समाज के लोग यहां एक बैठक करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पथराव और लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
घटना के बाद पुलिस ने 22 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से यह मामला गरमाया हुआ है। गुर्जर समाज और राजपूत समाज के बीच सम्राट मिहिर भोज की ऐतिहासिक पहचान और उनसे जुड़ी जातीय अस्मिता को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।
सियासी रंग चढ़ा विवाद
इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है। अब तक गाजियाबाद के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर, प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, सांसद चंद्रशेखर रावण और सांसद चंदन सिंह चौहान समेत कई दिग्गज नेता जेल में बंद आंदोलनकारियों से मुलाकात कर चुके हैं।
इसके बाद समाजवादी पार्टी ने भी कदम बढ़ाते हुए जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया। सपा नेताओं का कहना है कि वे अपने कार्यकर्ताओं और गुर्जर समाज के उन लोगों से मिलना चाहते हैं, जिन्हें केवल अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ने के कारण जेल में डाल दिया गया है।
पुलिस का कड़ा पहरा
जेल रोड पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने साफ किया कि धारा 144 लागू होने के कारण किसी भी राजनीतिक दल या संगठन को जेल परिसर के पास भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
पुलिस का कहना है कि यदि सभी दल जेल जाकर बंदियों से मुलाकात करने लगेंगे तो जेल प्रशासन की व्यवस्था बिगड़ सकती है और कानून-व्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। इसी वजह से सपा कार्यकर्ताओं को जेल के बाहर ही रोकना पड़ा।
सपा नेताओं का आरोप
पुलिस कार्रवाई से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर गुर्जर समाज की आवाज दबा रही है। उनका कहना है कि जब भाजपा के मंत्री और विधायक जेल में बंद आंदोलनकारियों से मुलाकात कर सकते हैं, तो विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्यों रोका जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि सरकार दोहरे मापदंड अपनाकर समाज में भेदभाव पैदा कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जेल में बंद आंदोलनकारियों को जल्द रिहा नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
स्थानीय लोगों में चिंता
सम्राट मिहिर भोज को लेकर चल रहे विवाद से इलाके का माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। राजपूत और गुर्जर समाज के बीच असहमति ने सामाजिक समरसता पर भी असर डाला है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन शांति और आपसी समझदारी से विवाद को खत्म करें।
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कई शिक्षाविदों और इतिहासकारों ने भी अपील की है कि सम्राट मिहिर भोज जैसे ऐतिहासिक चरित्र को किसी एक जाति तक सीमित न किया जाए, बल्कि उन्हें भारतीय इतिहास की धरोहर के रूप में देखा जाना चाहिए।
आगे की राह
फिलहाल, जेल में बंद 22 आंदोलनकारी अभी भी हिरासत में हैं और अदालत से उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी बाकी है। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह आंदोलनकारियों के साथ खड़ी है और उनकी रिहाई तक संघर्ष जारी रखेगी। पुलिस-प्रशासन ने भी संकेत दिया है कि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने नहीं दी जाएगी। हालांकि, जिस तरह से यह विवाद सियासी रूप ले चुका है, उससे आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज होना तय है।
Web Title: Meerut: Sapa karyakartaon ka Jail Bharo Andolan, Police se jhadap – Samrat Mihir Bhoj vivad se garmai siyasat
